IEX Indian Energy Exchange

IEX क्यो गिरा ??

IEX CHART



📉 IEX शेयर क्यों गिरा? पूरी कहानी हिंदी में

Indian Energy Exchange (IEX) के शेयर में हाल ही में ज़बरदस्त गिरावट आई है — करीब 30% एक ही दिन में। आइए समझते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी:


🔎 1. मुख्य कारण – "Market Coupling" लागू होना

👉 CERC (केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग) ने आदेश दिया है कि जनवरी 2026 से भारत में बिजली बाज़ार में Market Coupling लागू किया जाएगा।

📌 क्या होता है Market Coupling?

  • अभी IEX अपने प्लेटफॉर्म पर खुद ही बिड और ऑफर को मैच करता है (यानि price discovery करता है)।

  • अब ये काम एक Central Market Coupling Operator (CMCO) करेगा — एक centralized platform, जो IEX, PXIL और HPX जैसे सभी एक्सचेंजों के bids को एक साथ मिलाएगा।

  • इसका मतलब: IEX की monopoly खत्म हो जाएगी, और उसका price discovery वाला फायदा भी।


📉 2. शेयर में भारी गिरावट क्यों हुई?

  • IEX का ज़्यादातर रेवेन्यू Day-Ahead Market (DAM) और Real-Time Market (RTM) से आता है — जिसमें इसका मार्केट शेयर 90% से ज्यादा था।

  • Market coupling से यह exclusive advantage खत्म हो सकता है।

  • निवेशकों को डर है कि IEX का कमाई का मॉडल और मार्जिन दोनों प्रभावित होंगे।

  • इसी डर की वजह से शेयर एक ही दिन में 28-30% गिर गया (₹135 से ₹95 तक) — जो कि IEX के लिस्टिंग के बाद की सबसे बड़ी गिरावट थी।


📊 3. क्या कंपनी के नतीजे खराब थे?

नहीं, कंपनी के Q1 FY26 के नतीजे अच्छे थे:

  • Revenue: ₹184 करोड़ (वृद्धि ~19% YoY)

  • Profit: ₹113 करोड़ (वृद्धि ~21% YoY)

लेकिन regulatory decision की वजह से इन अच्छे नतीजों का कोई असर नहीं पड़ा।


⚠️ 4. F&O में भी Ban लग गया

  • NSE ने IEX को F&O बैन लिस्ट में डाल दिया क्योंकि derivatives में ज्यादा ओपन पोजिशन हो गई थी।

  • इससे ट्रेडर्स के लिए speculative activity पर रोक लगी।


📉 5. टेक्निकल और ब्रोकरेज व्यू

विश्लेषक राय
Bernstein डाउनग्रेड किया, नया टारगेट ₹122
UBS बाय कॉल दिया, टारगेट ₹285 लेकिन लंबी अवधि के लिए
Chart analysts अभी शेयर में कोई मजबूत सपोर्ट नहीं दिख रहा

🧾 निष्कर्ष: क्या अब IEX में निवेश करना चाहिए?

Short-Term:

  • Regulatory uncertainty ज़्यादा है

  • शेयर में गिरावट जारी रह सकती है

  • बेहतर है कि अभी सतर्क रहें

Long-Term:

  • अगर कंपनी अपने रेवेन्यू मॉडल को diversify करती है या नई सेवाएं जोड़ती है, तो संभावनाएं बची हैं

  • लेकिन अभी इस regulatory बदलाव का असर पूरी तरह से साफ नहीं है

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